Director's Pen

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मेरी अपनी सोच के अनुसार बिहार जैसे कृषि प्रधान प्रदेश के प्रत्येक घर में तकनीकी विशेषज्ञ या सोच का कम से कम एक सदस्य अवश्य होना चाहिए चाहे वो वैज्ञानिक, शोधकर्ता, इंजीनियर, डॉक्टर, डिप्लोमा होल्डर या आई .टी .आई सर्टीफिकेट प्राप्त कुशल श्रमिक ही क्यों न हो ।इससे न सिर्फ उस परिवार के आय का श्रोत बढ़ता है,बल्कि उस परिवार में शिक्षा के स्तर के साथ-साथ परिवार को समाज में सम्मानजनक  स्थान प्राप्त होता है ।

धन्यवाद !
जितेन्द्र कुमार
निदेशक

संत S.R BABA ITI

शिक्षा मानव सभ्यता की सवॉधिक महत्वपूर्ण आवश्यकता है कयोंकि यह जिन्दगी को जीने का एक नया तरीका बतलाता है। शिक्षा का मतलब वस्तुपरक ज्ञान नहीं अपितु ऐसा ज्ञान है जो मानवता की कड़ी को मजबूत करे । मानवता है –जियो और जीने की रास्ते को सरल बनाओ, यह तभी संभव है जब यह आम जन के लिए सुलभ हो एवं रोजगारपरक हो ।

रोजगार परक शिक्षा जहां ज्ञान में गुणात्मक वृद्धि करता है वही जिम्मेवारी वहन करने योग्य भी बनाता है, कयोंकि एक ओर जहाँ विधार्थी अपने रूचि के अनुसार शिक्षा पाता है वही शिक्षोपरांत रोजगार पाने में सफल रहता है ।

एक निदेशक के रूप में मै इस बात का भरोसा और विश्वास दिलाना चाहता हूँ की अपने संस्थान में रोजगार परक शिक्षा या शिल्प शिक्षा या तकनीक शिक्षा को आधुनिकता का पुट दूँगा क्योंकि Globalization के इस दौर में अनेको कल-करखाने ने पूणॅ रूप से अपने को कम्प्यूटरीकृत कर लिया है ,जहाँ  कंप्यूटर के व्यावहारिक ज्ञान के बिना तकनीकि शिक्षा पूरी तरह से सार्थक नहीं हो पाती । कंप्यूटर की जानकारी के लिए अंग्रेजी भाषा का ज्ञान मेरे संस्थान में प्राथमिक सूचियों के अंतर्गत रखा गया है । जहाँ इनकी शिक्षा महज औपचारिक नहीं वरण आवश्यक आवश्यकता है ।

अंत में मैं इस बात का भरोसा अपने सारे विधार्थियों व अभिभावकों को देना चाहता हूँ कि रोजगार प्राप्ति में मैं अपने सरे विधार्थियों को  सहयोग प्रदान करूँगा । बस आप से यही अपील है-

तुम निरंतरता का पालन करो मै तुम्हे रोजगार दूँगा ।
क्योंकि संत S.R बाबा ITI
प्रशिक्षण के साथ भी है और प्रशिक्षण के बाद भी है ।
धन्यवाद !
सतीश कुमार
निदेशक

संत S.R BABA ITI


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